Green Energy और Clean Energy में क्या फर्क है? जानिए आसान भाषा में

आजकल टीवी, अखबार और सोशल मीडिया पर “Green Energy” और “Clean Energy” जैसे शब्द बहुत सुनने को मिलते हैं। कई लोग इन्हें एक जैसा मान लेते हैं, लेकिन सच यह है कि दोनों के बीच छोटा लेकिन अहम फर्क है। आइए इस अंतर को आसान भाषा में समझते हैं।

Green Energy क्या है? – पूरी तरह प्राकृतिक और नवीकरणीय

Green Energy वो ऊर्जा है जो पूरी तरह प्राकृतिक स्रोतों से आती है और पर्यावरण को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाती। इसमें मुख्य रूप से सौर ऊर्जा (Solar), पवन ऊर्जा (Wind), जल ऊर्जा (Hydro), बायोगैस और जियोथर्मल ऊर्जा शामिल होती हैं। यह ऊर्जा न सिर्फ प्रदूषण-रहित होती है बल्कि लगातार उपलब्ध रहती है, इसलिए इसे Renewable Energy भी कहा जाता है।

Green Energy का मुख्य फोकस होता है – 100% प्राकृतिक और टिकाऊ स्रोतों से ऊर्जा का उत्पादन, जिससे धरती के संसाधनों पर बोझ कम होता है।

Clean Energy क्या है? – कम प्रदूषण वाली कोई भी ऊर्जा

Clean Energy से मतलब है ऐसी ऊर्जा जो बिजली बनाते वक्त वातावरण में बहुत कम या शून्य मात्रा में प्रदूषण फैलाती है। इसमें Green Energy तो आती ही है, लेकिन इसके अलावा परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy) जैसे स्रोत भी आते हैं, क्योंकि वे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड नहीं छोड़ते।

यानि हर Green Energy, Clean होती है, लेकिन हर Clean Energy, Green नहीं होती। उदाहरण के लिए – परमाणु ऊर्जा साफ होती है लेकिन प्राकृतिक नहीं, इसलिए यह Green नहीं मानी जाती।

क्यों जरूरी है इन दोनों को समझना?

आज जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से जूझ रही है, तब हमें ऐसी ऊर्जा चुननी चाहिए जो न सिर्फ वातावरण को साफ रखे, बल्कि नवीकरणीय और सुरक्षित भी हो। भारत जैसे देश में Green और Clean दोनों प्रकार की Energy का संतुलित उपयोग देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बना सकता है।

Conclusion: Green Energy पूरी तरह प्राकृतिक और नवीकरणीय होती है, जबकि Clean Energy का मतलब है कम प्रदूषण वाली ऊर्जा। दोनों में अंतर को समझकर सही ऊर्जा विकल्प चुनना ही आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।

Disclaimer: यह लेख जागरूकता और शिक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी टेक्निकल निर्णय या निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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